फिर भी जाने क्यों पराये शब्द से नवाजी जाती है और वो भी पुरानी बहू अर्थात सास के द्वारा। फिर भी जाने क्यों पराये शब्द से नवाजी जाती है और वो भी पुरानी बहू अर्थात सास के ...
वार्ता निरर्थक हो जाती है इसका अपेक्षित परिणाम नहीं मिलता। वार्ता निरर्थक हो जाती है इसका अपेक्षित परिणाम नहीं मिलता।
"जी, चाचाजी, हम सब पर्यावरण प्रहरी बनेंगे, आज से ही।" "जी, चाचाजी, हम सब पर्यावरण प्रहरी बनेंगे, आज से ही।"
"यह तो सचमुच आश्चर्यजनक बात है,चाचा जी। हम अक्सर कितनी ही निरर्थक बातें करते हैं। "यह तो सचमुच आश्चर्यजनक बात है,चाचा जी। हम अक्सर कितनी ही निरर्थक बातें करते हैं...
यह वार्ता नोटबंधी के समय गरीब ईन्सान के जीवन में आती आशा निराशा को दर्शाती है । यह वार्ता नोटबंधी के समय गरीब ईन्सान के जीवन में आती आशा निराशा को दर्शाती है ।